Independence day 2023: इस बार आजादी का 76 वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है अतिथि

Independence day 2023: इस बार आजादी का 76 वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है अतिथि

Independence day 2023; 15 अगस्त 1947 को भारत अंग्रेजों की Independence day 2023 गुलामी से आजाद हुआ इस दिन भारत को कई वीर सपूत और वीरांगनाओं ने अपनी जान की बाजी लगा दी जिसके लिए भारत प्रतिवर्ष 15 अगस्त को ही इस दिन को याद करता है तथा उन सभी वीर पुरुषों को नमन करता है।

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Independence day 2023 भारतवर्ष 15 अगस्त को राष्ट्रीय उत्सव मनाता है। जबकि भारतवर्ष को अंग्रेजों से करीब 200 साल बाद 15 अगस्त 1947 को गुलामी की मुक्ति से आजाद मिली इन दिन सभी भारतीय वीर सपूतों को विरमगनाओं ने अपनी जान की बाजी लगाई जब भारत को स्वतंत्रता दिवस अपने देश की आजादी के लिए स्वतंत्रता सेनानियों ने बलिदान दिए तथा इस बलिदान को हम 15 अगस्त 1947 से मनाते आ रहे हैं। तथा उन्हें सभी स्वतंत्रता सेनानी जिन्होंने बलिदान दिए थे प्रतिवर्ष याद किए जाते हैं।

क्यों बनाते हैं 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस Independence day 2023

सभी भारतीय 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस इसलिए मानते हैं कि भारत को अंग्रेजों की गुलामी से 15 अगस्त 1947 को पूर्णतया आजादी तथा अधिकार मिल गए हैं। जिसके चलते प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने मोहम्मद जिन्ना के बीच भारत में पाकिस्तान के बंटवारे को मुद्दों शुरू हो गए थे।

जन्नत को पाकिस्तान की मांग को लेकर उसे एक अलग झंडा का निर्माण किया गया जबकि ऐसे में भारत को 15 अगस्त 1947 को ही अपनी आजादी मनाई जाती है। इस आजादी को माउंटबेटन योजना के नाम से भी जाना जाता है। जो 3 जुलाई को पेश की गई थी,

माउंटबेटन योजना क्यों पेश की गई थी

आपको बता दें कि माउंटबेटन योजना सी राजगोपालाचारी है। 4 जुलाई 1947 को मार्ट पैटर्न योजना ब्रिटिश हाउस ऑफ कमीशन में इंडियन इंस्टेंट बिल पेश किया गया। जिसको ब्रिटिश संसद ने तुरंत मंजूरी दे दी थी इसके बाद 15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी का ऐलान कर दिया गय।

15 अगस्त को ही आजादी का दिन क्यों चुना गया

आपको बता दें कि भारत के अंतिम वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन की जिंदगी में 15 अगस्त के दिन बहुत महत्व था 1945 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापानी आर्मी ने ब्रिटिश के सभी आत्मसमर्पण कर दिया। जबकि उस वक्त ब्रिटिश के सेना लॉर्ड माउंटबेटन ने कमान संभाली और जापानी सेना को आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर कर दिया है। इसलिए उन्हें भारत की आजादी के लिए 15 अगस्त का दिन चुना।

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